Travel in time a machine with Rajendra Gupta to the time when our
ancestors are eating and naming mango for the first time. चलिये
टाइम मशीन में राजेंद्र गुप्ता के साथ एक और यात्रा पर, और
देखिये-सुनिए पुरखों को पहली बार आम खाते हुए और उसका नामकरण करते हुए।....
Are you ready? Let’s go in the time machine. Today,
we shall meet our ancestors at a place where they are eating sweet-juicy
mangoes for the first time and are naming it. There are several children with
us today. So let me narrate a story to ease out the stress of the journey. I
am reading from “Our Trees” by RPN Sinha (Publication Division, Government of
India, 1968, pp. 3-4). “About a century ago, the Amir of Kabul is said to
have sent an emissary to bring him mangoes from India. The emissary came to
Patna where he collected several baskets of mangoes and returned to Kabul.
But those were the days of slow moving vehicles and the mangoes rotted before
he could reach Kabul. When the Amir enquired of the emissary about the result
of his mission, the latter promptly called for large quantity of sugar; dissolving
it in water and dipping his flowing beard into the syrup. He told Amir, “here,
my lord, is the mango". The Amir was aghast. The emissary then recounted what had
happened on the way and then all had a hearty laugh.”
Although there are many other mango stories to be
told but we have reached our destination. Hear the music. The ancestors are
dancing in excitement. Ever since the birth of our very first ancestor in the
jungles of Africa, no one has eaten such a sweet and juicy fruit as this one.
They are singing in chorus:
madhur, madhur madhur
(madhur means sweet in Sanskrit)
Once in a while, someone also utters the word: rasal
(=juicy in Sanskrit). We request for a complete description. The reply is:
“Sweet and juicy.”
Showing the long fibers on seed with a lot of pulp
sticking on it, someone interrupts: “it is hairy too!”
The chorus continues:
madhur, madhur madhur…
My my! It is the same as in the story. The emissary
telling the Amir of Kabul: sweet, juicy, hairy!
This is what our ancestors have named mango:
MADHUR (sweet), RASAL (juicy), KESHARI (hairy). Let’s
return to our times and hear the names changing on the way….
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आप तैयार हैं? चलिये चलें, फिर से टाइम मशीन में। आज पुरखों से मिलने वहाँ चलेंगे जहां वे पहली
बार मीठे-रसीले आम खाने का मज़ा ले रहें हैं, और आम का
नामकरण कर रहें हैं। आज कई बच्चे साथ हैं। रास्ता ठीक से कट जाए इसलिए मैं सुनाता
हूँ, एक कहानी। मेरे सामने है, श्री
राजेश्वर नारायण सिंह की पुस्तक “हमारे वृक्ष” (प्रकाशन विभाग, भारत सरकार, 1968; पृ॰3):
“कहते हैं कि कई सौ बरस पहले एक बार काबुल के अमीर ने अपने एक वज़ीर को आम लाने
के लिए हिंदुस्तान भेजा। वह यहाँ तब पहुँचा, जब आम का मौसम
समाप्त हो चुका था। केवल सुकुल (आम की एक प्रजाति) बच रहे थे, जो पटना में उसे मिले। इसमें रेशे बहुत होते हैं,
पर रस शर्बत-जैसा मीठा होता है। वह इन्हें ले कर लौटा। उन दिनों कोई तेज सवारी
तो थी नहीं, सो काबुल पहुँचते-पहुँचते आम सड़ गए और वह खाली
हाथ ही वापस लौट आया। दरबार में उसकी बुलाहट हुई। अमीर ने पूछा—“आम लाए?”
वज़ीर ने कहा– “जी हाँ, पानी और चीनी मँगवाई
जाए, तो उन्हें पेशे-नज़र करुँ।” पानी और चीनी आई। फिर उसने
पानी में काफी चीनी डाल कर उसमें अपनी लंबी दाढ़ी भिगो दी और कहा की यही
हिंदुस्तान का आम है। रेशे और रस से भरे हुए सुकुल आम से उसका मतलब था। और फिर, उसने अमीर को सुकुल का वर्णन सुनाया और कहा कि आम रास्ते में सड़ गए, पर होते ऐसे ही हैं। अमीर और दरबारी यह सुन कर खूब हंसे।”
आम की कहानियाँ तो बहुत हैं पर हमारी मंज़िल आ गयी है। सुनिए कितना हल्ला
मच रहा है। पुरखे आनंद से झूम रहें हैं। जबसे सबसे पहले पुरखे अफ्रीका के जंगलों
में पैदा हुए थे तब से आज तक किसी ने कभी इतना मीठा और रसीला फल कभी नहीं खाया
था। वे वृंद गान कर रहे हैं:
मधुर, मधुर,
मधुर मधुर !
मधुर, मधुर,
मधुर मधुर !
मधुर, मधुर,
मधुर मधुर !
बीच-बीच में कोई रस-रसल भी बोलता है। हम पूछते हैं: "आम का पूरा वर्णन?"
उत्तर मिलता है: “मधुर, रसाल”।
लेकिन इतने में कोई गुठली पर उगे रेशों को दिखाता कर वर्णन को पूरा करता
है: “केशरी” (केश/ बालों वाला, रेशे वाला)
लेकिन पूरा समूह फल के केशों को महत्व नहीं दे रहा।
वृंद गान जारी है:
मधुर, मधुर,
मधुर मधुर !
क्या बात है! आम का जो वर्णन कहानी में वज़ीर ने काबुल के अमीर को दिया
वही तो हमारे पूर्वज भी हमें बता रहें हैं:
मधुर, रसाल और रेशेदार! और यही हैं
पूर्वजों द्वारा आम का नामकरण! मुख्य
नाम: मधुर, पर रसल और केशरी भी।
चलिये अब लौट चलें। और वापस अपने काल में लौटते हुए सुनें कि आम के यह
नाम किस तरह बदल रहें हैं…
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Direction 1
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दिशा 1
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MADHUR (sweet in Sanskrit, also a Sanskrit word
for mango)
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मधुर
(संस्कृत में मीठा, आम)
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MADHUR > MADHUL> MADHULI (Sanskrit)
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मधुर
>मधुल> मधुली (संस्कृत)
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MAJUR
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मजुर
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MAYUR
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मयुर
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YUMRA
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यूम्र
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AMRA (Sanskrit)
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आम्र (संस्कृत)
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AMRA> AMRI (Guajarati)
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आम्री (गुजराती)
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AMRA > AMRAM (Malyalam)
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आम्र
>आम्रम (मलयालम)
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AMYA
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आम्य
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AYM
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आय्म
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AAM (Hindi,
Assamese, Bengali)
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आम (हिन्दी, असमिया, बांग्ला)
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AMMA
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अम्म
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AMB (Odiya, Punjabi,
Marathi, Hindi)
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अम्ब
(ओडिया, पंजाबी, मराठी,हिन्दी)
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EMBE (Swahili)
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एम्बे
(स्वाहिली)
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EMBE EMBE
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एम्बे
एम्बे
|
EMVE EMBE
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एमवे एमबे
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EMVEMBE
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एमवेम्बे
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MWEMBE (Swahili)
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मवेम्बे
(स्वाहिली)
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**
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Direction
2
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दिशा 2
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MADHUR
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मधुर
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MAJUR
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मजुर
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MAJUY
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मजुय
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MAJI
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माजी
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MAYI
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मायी
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MAVI
(Telugu)
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मावी
(तेलुगू)
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MAVU
(Kannnada,
Malyalam)
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मावु
(कन्नड़ा, मलयालम)
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MAU (Tamil)
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माउ
(तमिल)
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**
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Direction 3
(branching midway from direction 2)
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दिशा 3 (दिशा 2 के बीच से रास्ता)
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MAJI
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माजी
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MAJI MAJI
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माजी माजी
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MAMAJIJI
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मामजीजी
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MAMADIDI
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ममदीदी
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MAMIDI
(Telugu)
|
ममदी
(तेलुगू)
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**
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Direction 4 (midway in direction 2)
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दिशा 4 (दिशा 2 के बीच से)
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MAJI
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माजी
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MANJI
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माँजी
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MANGI
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मांगी
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MANGAI (Tamil)
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मांगई
(तमिल)
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MANGGA (Malayalam)
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मङ्ग्गा (मलयालम)
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MAANGAS (Tamil)
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मङ्ग्गास
(तमिल)
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MANAGGA (Indonesisan,
Malay)
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मङ्ग्गा (इंडोनेशियन, मलय)
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**
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Direction 5 (Midway from Direction 4)
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दिशा 5 (दिशा 4 के बीच से)
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MANGAI (Tamil)
|
मांगई
(तमिल)
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MANGA (Portuguese) > Manja (Dutch)
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मांगा
(पुर्तगाली) > माँजा (डच)
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MANGA> MANGUEIRA (Portuguese)
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मांगा
>मंगुएयरा (पुर्तगाली)
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MANAG (Italian)
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मानग
(इटालियन)
|
MANGO (English,Spanish, German, Italian)
|
मैंगो
(अँग्रेजी, स्पेनिश, जर्मन, इटालियन)
|
MANGO > MANGUE, MANGUIER (French)
|
मैंगो
>मंगुय >मंगुएयर (फ्रेंच)
|
MANGO > MANGOT (French)
|
मैंगो
> मैंगोत (फ़्रेंच)
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MANGOU, OR MANGORO (African
Languages)
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माइंगौ, मैंगोरो (अफीकी भाषाएँ)
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MÁNGGUǑ (Chinese)
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मैंग्गुओ (चीनी)
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MÁNGU, MÁNJU (Arabic)
|
मंगु
,मंजु (अरबी)
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MANGI + BHAR (Skt. bearing)
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माँगी + भार
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MANGIBHAR
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मांजीभार
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MANGI.FAR
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मांजीफर
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MANGIFERA (Latin, mango bearing tree)
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माइंजीफेरा (लैटिन)
|
**
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words based on MISHTHA, a synonym for MADHUR
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मधुर के पर्यायवाची 'मिष्ठ' पर आधारित शब्द
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MISHTHA (sweet in Sanskrit)
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मिष्ठ
(संस्कृत में मीठा)
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SHAMITH
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शमिठ
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SHABITH
|
शबीठ
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SHAVITH
|
शविट
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SWEET (a lost word for mango?)
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स्वीट
(आम के लिए लुप्त शब्द?)
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SYEET
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स्यीत
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CHYEET
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च्यीत
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CHUT Mango In Sanskrit)
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चूतः (संस्कृत)
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KUTA
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कूत
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KOOTAM
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कूतम
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KUTAM (Malayalam)
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कूटम / कूतम (मलयालम)
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KESHARI (= hairy in
Sanskrit) putative original word
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केशरी (संस्कृत, बालों वाला), आम के लिए अनुमानित मूल शब्द)
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KEHRI
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केहरी
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KEYRI
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केयरी
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KAIRI (Hindi for raw mango)
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कैरी (कच्चे आम के
लिए हिन्दी)
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KERI (Gujarati)
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केरी
(गुजराती)
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RASAL (juicy or mango in Sanskrit) No change
|
रसाल (संस्कृत में रस वाला/ आम) यह शब्द नहीं
बदला
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