लेखक -- राजेन्द्र गुप्ता
कुल्फी रबड़ी जैसे गाढ़े
दूध को जमा कर बनायी गयी एक बर्फीली मिठाई है।
इसे
पारम्परिक भारतीय आइस-क्रीम भी कहा जाता है; किन्तु
आईस-क्रीम की तुलना में कुल्फी अधिक गाढ़ी और मलाईदार
होती है। भरी गरमी की दोपहर में ठंडी कुल्फी मिल जाए तो
और क्या चाहिए। आज देखते हैं कि यह कुल्फी शब्द कहाँ से आया।
संस्कृत शब्दकोशों में कुल्फी के लिए कोई शब्द नहीं है। किन्तु ध्यान रहे कि अनेक शब्द जनता में बोलचाल में प्रचलित होते हैं किन्तु शब्दकोश में नहीं होते।
एक संस्कृत कोश में आइस क्रीम के लिए एक शब्द है -- ‘पयोहिम’। यह पय और
हिम शब्दों के मेल से बना है। पय अर्थात दूध और हिम अर्थात बर्फ (स्नो snow। आइस ice)।
संस्कृत में दूध से बनी मीठी चीज जैसे रबड़ी या खीर को पायस कहते हैं। संस्कृत में ठंड को शीत कहते
हैं। ठंड से जमी वस्तु को शीताकुल कहते हैं। अतः ठंड से जमा हुआ दूध कहलायेगा
शीताकुलपय; और ठंड से जमी हुई रबड़ी कहलायेगी शीताकुलपायस।
ऐसा लगता है कि संस्कृत में कुल्फी के लिए यही शीताकुलपय और शीताकुलपायस शब्द प्रचलित रहे होंगे जो बिगड़ कर कुल्फी में बदल गए होंगे।
शीताकुलपय [संस्कृत का लुप्त शब्द] = ठंड से जमा हुआ दूध
> शीता कुलपय
> शीता कुलफय
> शीता कुलफी
> कुलफी / कुल्फी [हिन्दी]
> क़ुल्फ़ी [फ़ारसी]
> क़ुल्फ़ी [उर्दू]
या फिर
शीताकुलपायस [संस्कृत का
लुप्त शब्द] = रबड़ी से बनी बर्फीली मिठाई
> शीता कुलफायस
> शीता कुलफायह
> शीता कुलफीह
> शीता कुल्फी
> कुलफी / कुल्फी [हिन्दी]
> क़ुल्फ़ी [फ़ारसी]
> क़ुल्फ़ी [उर्दू]
अब एक रोचक बात
भोजन के इतिहास के एक जाने माने विद्वान हैं। वह फूड ब्लॉग लिखते हैं
और टीवी पर रसोई के एक चर्चित कार्यक्रम में जाने माने विशेषज्ञ हैं। उनकी मानें
तो उत्तर भारत का प्रत्येक स्वादिष्ट खाना और मिठाई मुग़लों की देन है। वह कहते हैं
कि कुल्फ़ी का आविष्कार भी भारत में 16 वीं सदी में मुग़ल बादशाह अकबर की रसोई में हुआ था ! उस समय कुल्फ़ी जमाने
के लिए सैकड़ों मील दूर हिमाचल प्रदेश के चूड-चाँदनी-धार पर्वत से बर्फ को आगरा लाया
जाता था। दूध से कुल्फ़ी बना कर उसे धातु
के बर्तनों में ताले में बंद कर दिया जाता था! क्योंकि इस्लाम के मूल स्थान अरब
देश की अरबी भाषा में धातु से बने ताले को क़ुफ़्ल (अथवा क़ुफ़ुल, क़फ़्ल,
क़ुफ़ल) कहते हैं, अतः ताले में बंद इस बर्फीली
मिठाई विशेष को क़ुफ़्ली (quflii•قُفْلی) कहा गया। यह क़ुफ़्ली शब्द बिगड़ कर क़ुल्फ़ी हो गया! इस तर्क दूर की कौड़ी भी नहीं कह सकते। विद्वान प्रोफेसर साहब
क्षमा करें क़ुफ़्ली (ताला-बंद) से कुल्फ़ी की व्युत्पत्ति निकालने को कहना होगा ‘अक्ल
पर ताला पड़ना’, क्योंकि इस कुतर्क के आधार पर किसी अन्य कोई मूल्यवान ताला-बंद वस्तु जैसे सोना, चांदी, हीरा आदि का नाम भी क़ुफ़्ल यानी ताला पर
आधारित होना चाहिए। भाषा विज्ञान में इस तरह तुक्के लगाने के हजारों अन्य उदाहरण
हैं। माना कि अकबर की रसोई में कुल्फ़ी अवश्य बनती होगी किन्तु इसका अर्थ यह नहीं
कि कुल्फ़ी का आविष्कार भी मुग़लों ने किया और नामकरण भी।
आपको ठंडी कुल्फ़ी का संस्कृत नामकरण कैसा लगा? मुझे बताइए।
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