Friday, June 14, 2024

गरम हवाओं के लिए 'लू' शब्द कहाँ से आया ?

'लू' अर्थात गरमी के दिनों में चलने वाली तेज गरम या तपी हुई हवा की लपट। गरमी के दिनों में हम लू चलना, लू लगना, लू मारना आदि अभिव्यक्तियों  बहुत प्रयोग करते हैं । केवल एक अक्षर और एक मात्रा वाला 'लू' शब्द अनूठा भी है और रहस्यात्मक भी -- क्योंकि कोई नहीं जानता कि 'लू' शब्द कहाँ से आया ! चलिए इस रहस्य से पर्दा हटाने का प्रयास करते हैं। क्योंकि संस्कृत ही हिन्दी भाषा की माता है, अतः संस्कृत में तेज गरम और झुलसने वाले के भाव में शब्द खोजते हैं।  संस्कृत में जल जाना, जल कर भस्म हो जाना, आग लगाना, आग जलाना, कष्ट ग्रस्त होना आदि के लिए शब्द है – ज्वल। और ज्वाला का अर्थ है -- ज्योति, लपट,  अग्निशिखा। और ज्वालिन् का अर्थ है बहुत गरम, गरमा-गरम। अतः मेरा अनुमान है कि लू शब्द ज्वालिन् से इस तरह निकला होगा ---  

ज्वालिन् वायु [संस्कृत] = गरमा-गरम वायु

> ज्वालि वायु > ज्वालू वाहु > जवालू हुवा > हवालू हवा > हवा लू हवा > लू

लू का यह संभावित उत्स आपको कैसा लगा?

आपके प्रदेश में या आपकी भाषा में लू को क्या कहते है?  

-- राजेन्द्र गुप्ता

12 comments:

  1. आपके प्रदेश में या आपकी भाषा में लू को क्या कहते है
    दोपहर की तेज धूप को 'झांझ' कहते हैं
    सादर वंदन

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 16 जून 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  4. हमारे प्रदेश...उत्तर प्रदेश में लू ही कहते हैं।

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  5. हमारे यहाँ भी लू को लू ही कहते हैं।
    बहुत अच्छा शोध।
    सादर।

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