Greek students at the ancient Taxilla and Nalanda universities in India might
have scribbled the Sanskrit word for school ‘shikshaalaya’ in their notebooks
in Greek script. ‘Shikshaalaya’ might
have changed to shikshaale > shkhole > school (English)! प्राचीन
तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालयों में पढ़
रहे यूनानी विद्यार्थियों ने नोट्स लेते हुए शायद 'शिक्षालय' शब्द को यूनानी लिपि में लिखा होगा और शिक्षालय
शब्द कुछ यूं बदल गया होगा: शिक्षालय >शिक्षाले > शखोले
>
स्कूल!
Being the
capital of India, Delhi is home to government employees from all parts of the
nation. There is no Indian language that is not spoken in this city. I spent my childhood in
the government staff quarters and the government schools in Delhi. Thus, it
was in the playgrounds and the schools of Delhi, that I got introduced to different
languages of India and different accents in which people from different
regions speak. My familiarity with diversity of accents in speaking the same
word got reinforced at the University of Delhi, first as a student and later
as a teacher. I am proud that there is no state of India from
which someone among my classmates, teachers, colleagues or students has not
come.
As a teacher, I also
came across pronunciations and accents of students from other countries. Some
years ago, a teacher on sabbatical from a foreign country, was in Delhi to study
for M.Sc. degree. She used to sit in the front row in my class. It was
amazing that she used to take down notes of my Biochemistry and Molecular
Biology lectures in the Persian script. She used to complain that I speak
English very fast. That was not true, as I was known for slow and interactive
teaching-learning. None of her
teachers ever faced much problem in understanding her accent in viva voce. However,
this student who took down notes in the Persian script, used to take full liberties
with the English words and their spellings while writing answers during the
exams. Seeing her write in Persian script I used to wonder whether foreign
students who studied through the Sanskrit medium at ancient India’s Taxilla
and Nalanda universities for thousands of years were also taking down notes
of Sanskrit lectures in various scripts of their respective countries? There were
no printed books in those days. Any spelling mistake by the visiting scholars
in transcribing a Sanskrit word in their own script would have compounded and
amplified due to differences in accent when these scholars become teachers
upon return to their respective countries.
So come on, let's
play today’s word game while imagining this foreign-student-scenario for the
Sanskrit word ‘shikshaalaya’ which means school:
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भारत की कोई भाषा ऐसी नहीं है जो दिल्ली में न बोली जाती हो। मेरा
बचपन दिल्ली के सरकारी कर्मचारियों के क्वार्टरों और सरकारी स्कूलों में गुजरा।
यहाँ खेल-कूद में ही मेरा परिचय भारत की विभिन्न भाषाओं के शब्दों और विभिन्न
प्रदेश के लोगों द्वारा उनके भिन्न उच्चारणों हो गया था। एक ही शब्द के विभिन्न प्रकार
से उच्चारणों से यह परिचय दिल्ली विश्वविद्यालय में पहले पढ़ते हुए और बाद में
पढ़ाते हुए, और भी पक्का हो गया। मुझे गर्व
है कि भारत का कोई भी प्रदेश ऐसा नहीं हैं, जहां से मेरे
सहपाठियों, अध्यापकों, सहकर्मियों या
विद्यार्थियों में से कोई न कोई न आया हो। अध्यापक के नाते मुझे अन्य देशों से
दिल्ली आये विद्यार्थियों के उच्चारण भी सुनने को मिले। कुछ वर्ष पहले एक विदेशी
अध्यापिका अपने देश से पढ़ने-के-लिए-छुट्टी ले कर दिल्ली में एम.एस.सी. करने के
लिए आई हुई थी। वह मेरी कक्षा में सबसे आगे की पंक्ति में बैठती थी। मुझे अचरज
होता था कि वह अध्यापिका/छात्रा मेरे अँग्रेज़ी में बोले गए बायोकेमिस्ट्री और
मोलिक्यूलर बायोलॉजी के व्याख्यान के नोट्स फारसी लिपि में लिखती थी। उसे मुझ से
हमेशा शिकायत थी कि मैं जल्दी-जल्दी बोलता हूँ। जबकि ऐसा नहीं था क्योंकि मैं
परस्पर संवाद की शैली में काफी धीमी गति से पढ़ाने के लिए जाना जाता हूँ। प्रश्नों
के मौखिक उत्तर देते समय उसका भिन्न उच्चारण समझने में किसी अध्यापक को अधिक कठिनाई
नहीं थी। किन्तु निश्चय ही, फारसी लिपि में नोट्स लिखने वाली
यह छात्रा अँग्रेज़ी में प्रश्नों के उत्तर लिखते समय शब्दों से काफी अधिक छेड़छाड़
करती थी। उसे फारसी लिपि में नोट्स लिखते हुए देख कर मैं प्रायः सोचता था कि हज़ारों
वर्षों तक जो विदेशी विद्यार्थी प्राचीन भारत के तक्षशिला और नालंदा
विश्वविद्यालयों में पढ़ने आते थे, क्या वे भी अपनी-अपनी लिपियों
में नोट्स ले कर जाते थे? उस समय तो छपी हुई पुस्तकें भी
नहीं थी। जो भूल संस्कृत को दूसरी लिपि में लिखने से होती होगी, उस भूल का विस्तार इन विद्वानों के उनके अपने देश में लौटने पर और वहाँ
अध्यापक बनने पर, लिपि-भिन्नता और उच्चारण-भिन्नता के कारण
अवश्य होता होगा।
तो चलिए, आज से इसी विदेशी-छात्र-
परिदृश्य की कल्पना करते हुए आज का शब्दों का खेल शुरू करते हैं। इस क्रम में आज
का शब्द हैं: स्कूल
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shikshaalaya (Sanskrit, lit. house of education)
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शिक्षालय
(संस्कृत, शाब्दिक अर्थ: शिक्षा का घर)
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shikshaale
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शिक्षाले
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shikhaale
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शीखाले
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shkhole
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शखोले
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skhole (Greek)
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स्खोले (ग्रीक)
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schola
(Latin)
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स्चोला /स्कोला (लैटिन)
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scol
(Old English)
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स्कोल (पुरानी अँग्रेज़ी)
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school
(English)
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स्कूल (अँग्रेज़ी)
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Similar words
are found in other European languages
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अन्य यूरोपीय भाषाओं में भी इससे मिलते-जुलते शब्द पाये जाते हैं।
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escole
(Old French)
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एस्कोले (पुरानी फ़्रेंच)
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école (French)
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एकोले (फ्रेंच)
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escuela
(Spanish)
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एस्कूएला (स्पेनी)
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scuola
(Italian)
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स्कूओला (इटालियन)
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schule
(German)
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शुले (जर्मन)
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skola
(Swedish)
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स्कोला (स्वीडिश)
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sgiol
(Gael)
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स्गिओल (गेल)
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ysgol
(Welsh)
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यसगोल (वेल्श)
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shkola
(Russian)
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शकोला (रूसी)
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The word
school is also used in the English language in the sense of a group, e.g. ‘a
school of fish,’ ‘a school of thought’. To be sure, the word school must have
two analogous origins: one for an educational institution, and two for ‘a
group with common purpose.’ Is it possible
that the second meaning of school also originated in some Sanskrit word? Say,
an international student at Taxilla University was writing the word samkul,
but ended up writing sakul which got further corrupted to ‘school’.
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अँग्रेज़ी में स्कूल शब्द का उपयोग समूह के अर्थ
में भी होता है, जैसे ‘स्कूल ऑफ फिश’ = मछलियों का समूह। ‘स्कूल ऑफ थौट्स’= किसी विशेष विचारधारा वाले लोगों का समूह। निश्चय ही इस
समूहवाची स्कूल शब्द का शिक्षा से कोई नाता नहीं है। शायद तक्षशिला के किसी विदेशी
छात्र को नोट्स में संस्कृत का शब्द संकुल लिखना था, पर उसने लिख दिया सकुल, जो बिगड़ कर सकूल और फिर स्कूल बन गया:
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samkul
(Sanskrit, sam
+ kul = samkul, i.e. of the same clan, group)
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संकुल (सम + कुल =
संकुल अर्थात एक कुल का; समूह)
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sakul
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सकुल
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sakool
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सकूल
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skool > school
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स्कूल
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In this manner
two different Sanskrit words ‘shikshaalaya’ and ‘samkul’ transformed into one
word school!
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इस तरह शिक्षालय और संकुल दो अलग शब्द एक ही
शब्द स्कूल में बदल गए होंगे!
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Let’s see what we do find in the
etymology dictionary about the word school. It says that the original notion
of the word school is leisure! Please
read the entry from Etymology dictionary and tell me about your opinion. What do you think is
the origin of the word ‘school’? One origin or two. Please write your
comments.
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आइये देखें कि स्कूल शब्द की व्युत्पत्ति के विषय में अँग्रेज़ी के कोश क्या
कहते हैं। लिखा है कि स्कूल का मूल अर्थ 'फुरसत' है! आप पहले
पूरा पढ़ लीजिये और फिर मुझे बताइये कि स्कूल शब्द की व्युत्पत्ति पर आप क्या सोचते
हैं। स्कूल शब्द कहाँ से आया होगा? एक उत्पत्ति या दो? कृपया अपनी
प्रतिक्रिया लिखिये।
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Online Etymology Dictionary, © 2010 Douglas Harper
"place of instruction,"
O.E. scol, from L. schola, from Gk. skhole "school, lecture,
discussion," also "leisure, spare time," originally "a holding
back, a keeping clear," from skhein "to get" + -ole by
analogy with bole "a throw," stole "outfit," etc. The original notion is
"leisure," which passed to "otiose discussion,"
then "place for such." The PIE base is *segh- "to hold, hold
in one's power, to have" (see scheme). The L. word was widely borrowed,
cf. O.Fr. escole, Fr. école, Sp. escuela, It. scuola, O.H.G. scuola, Ger.
Schule, Swed. skola, Gael. sgiol, Welsh ysgol, Rus. shkola. Replaced O.E.
larhus "lore house." Meaning "students attending a
school" is attested from c.1300; sense of "school building" is
first recorded c.1590. Sense of "people united by a general similarity
of principles and methods" is from 1612; hence school of thought (1864).
The verb is attested from 1573. School of hard knocks "rough experience
in life" is recorded from 1912 (in George Ade); to tell tales out of
school "betray damaging secrets" is from 1546. Schoolmarm is
attested from 1831, U.S. colloquial; used figuratively for "patronizingly
and priggishly instructing" from 1887.
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गुरुकुल हो या संकुल, अंतिम भाग तो कूल है। लिपि की अक्षमता के कारण तो शब्द भारत के भीतर भी बदले हैं। स्कूल को ही सकूल, इस्कूल और अस्कूल कहते भी सुना है। देश के अन्दर ही श्री तिरु बन जाता है और सहस्र हज़ार। आप इस श्रमसाध्य पर रोचक सफ़र पर अपने पाठकों को भी ले चलते रहिये, शुभकामनायें!
ReplyDeleteबिलकुल ठीक कहा अनुराग जी। हिन्दी, उर्दू में इस्कूल कहें या स्पेनी में एस्कूएला, एक ही बात है। भाषाओं में कोई अपनी परायी नहीं। सभी भाषाएँ बिछड़ी हुई बहने हैं। कहीं पर पहचान हो गयी, कहीं होनी बाकी है। लिपि की बात इस लिए कह दी क्योंकि अंग्रेजी को फ़ारसी में लिखने का प्रसंग याद आ गया था। बहुत आभार।
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ReplyDeleteAli Sina जी बहुत धन्यवाद। किन्तु मुझे HTML एडिट करना नहीं आता। मैं नहीं जानता कि यह समस्या कैसे सुलझाऊँ।
ReplyDeleteMy blog was not accessible through Google Chrome for more than a month. having failed to troubleshoot, today I approached Mr Yogendra Pal who writes a blog योगेन्द्र पाल की सूचना प्रौद्योगिकी डायरी (http://yogendra-soft.blogspot.in/). Yogendra ji has very kindly removed the HTML bug from my blog. I am very grateful to you Yogendra ji and really don't know how to thank you.
ReplyDeleteराजेंद्र जी और कोइ समस्या हो तो आप याद कीजियेगा, यहाँ इसका लिंक दे दे रहा हूँ जिससे बाकी लोगों कों आसानी रहे-
ReplyDeleteब्लॉग री-डायरेक्शन की अजीब समस्या और उसका समाधान
योगेंद्र जी बहुत धन्यवाद। आपके लेख का लिंक यहाँ नहीं बना है। कृपया दोबारा लिंक दीजिये।
ReplyDeleteuncle yah hindi aur english both languages me likhne ka naya tarika bahoot achchha hai .bahoot interesting bat batai aapne thanks.
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteवाह बहुत अच्छा लगा सर आप का ये आर्टिकल पढ़ के में सर्च कर रहा था कुछ और लेकिन आप का एक ज्ञान भरा आर्टिकल मुझे मिलाl सर में सोचने लगा के एक विडियो बनाऊं इस के उपर बहुत मजेदार आर्टिकल है ये आप काl में एक youtube चैनल चलता हूँl 2 lakh के आस पास स्टूडेंट्स हमारे साथ जुरे हैं
ReplyDeletewww.Youtube.com/ShitalRCSGYAN
राजीव जी ब्लॉग पर आपका स्वागत है. आप इस ब्लॉग पर आधारित विडियो बनाने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन जो भी विडियो आप बनायें, उसमें में ब्लॉग का और मेरा उचित परिचय / संदर्भ देना आवश्यक होगा. आप चाहें तो मैं अपनी आवाज में में विभिन्न ब्लोगपोस्ट में लिखी गयी कहानियां सुना सकता हूं.
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