Note: The English Version of this article is given at the end of the article in Hindi
कुछ दिन पहले, सोनिया जी के दामाद राबर्ट वाड्रा ने
अपने फेसबुक स्टेटस पर लिखा: 'मैंगो पीपुल इन अ बनाना कंट्री'
(mango people in a banana country). इससे उपजे विवाद के कारण यह अभिव्यक्ति 'मैंगो पीपुल' भारत
में हर किसी की जुबान पर है। कौन जाने, 'मैंगो पीपुल'
को, इसके बढ़ते हुए प्रयोग के कारण, जल्दी ही 'ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी' में 'कॉमन मैन' के पर्यायवाची
के रूप में शामिल कर लिया जाए!
पर यह 'मैंगो पीपुल" कहाँ से आया? सबसे पहले इसका
प्रयोग किसने किया? इन प्रश्नों का उत्तर देने के लिए अभी और
रिसर्च करनी होगी। किन्तु एक बात तो पक्की है कि आम आदमी के लिए 'मैंगो पीपुल' की अभिव्यक्ति राबर्ट वाड्रा के दिमाग
की उपज नहीं है। लेकिन हाँ, 'मैंगो पीपुल' से उनकी कुछ रिश्तेदारी जरूर बनती है।
कई
वर्षों से, राबर्ट की सासू-माँ सोनिया जी की पार्टी, चुनाव के
समय उनकी फोटो के साथ एक नारा लगाती आयी है: "कांग्रेस का हाथ, आम आदमी के साथ"। देश में बहुत लोगों को यह नारा विश्वसनीय
नहीं लगता। वे अपने तरीके से इसका विरोध करते आए हैं। आजकल, जब अरविंद केजरीवाल कॉंग्रेस सरकार का विरोध
करते हैं, तब, टोपी पर "मैं
हूँ आम आदमी" लिख कर निकलते हैं। इसमें उनका साफ उद्देश्य होता है -- कॉंग्रेस
के आम-आदमी वाले नारे की खिल्ली उड़ाना। इंटरनैट पर भी कॉंग्रेस के इस नारे की खिल्ली उड़ाने वाले लेखों और कार्टूनों की कोई कमी
नहीं है। इनमें से कई लोग आम आदमी को 'मैंगो मैन'
ही कहते हैं। अपने आप को भी 'मैंगो मैन'
कहने वाले कई लोग साइबर दुनियाँ में कई वर्षों से मौजूद हैं। लेकिन
केजरीवाल द्वारा लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों से तिलमिलयाए हुए राबर्ट वाड्रा जब
फेसबुक पर तिरस्कार से भरा 'मैंगो पीपुल’ लिख रहे थे, तब साफ तौर से उनका निशाना 'मैं हूँ आम आदमी' वाली टोपी पहने अरविंद केजरीवाल ही
थे।
यह कहने
की कोई आवश्यकता नहीं हैं कि हिन्दी शब्द 'आम' दो अर्थों में जाना जाता है: 1. अरबी भाषा से हिन्दी
में आया शब्द आम = साधारण, मामूली, जनसाधारण,
जनता; अँग्रेज़ी में कॉमन common; 2. हिन्दी का मूल शब्द आम = फलों का राजा आम, जिसे अँग्रेज़ी
में मैंगो mango कहते हैं; और यह भी कि
'मैंगो पीपुल' कह कर मज़ाक बनाने वालों
ने आम के पहले अर्थ के स्थान पर दूसरे अर्थ का अँग्रेज़ी अनुवाद किया था। इस ब्लॉग
में आप आम के दूसरे अर्थ यानी 'फलों का राजा आम' पर एक लेख पहले ही पढ़ चुके हैं (How mango might have
got its names आम का नामकरण कैसे हुआ होगा)। आज हम चर्चा करेंगे पहले अर्थ की, और उसी अर्थ लिए हुए अँग्रेज़ी शब्द कॉमन common की।
मेरे
विचार से, संस्कृत शब्द 'सम' पहले अरबी
भाषा में गया होगा और बिगड़ कर 'आम' बना
होगा। फिर लौट कर, उसी बिगड़े हुए रूप में फारसी, उर्दू के रास्ते हिन्दी में शामिल हो गया! संस्कृत में सम का अर्थ है: एक
जैसा, समान, सामान्य, मामूली। संस्कृत वर्ण श/ष/स/ फारसी, अरबी, तुर्की में बदल कर 'ह' हो जाते
हैं। ग्रीक/यूनानी तक पहुँचते हुए यही स से ह हुई आवाज आ या ई में बदल जाती
है। इस परिवर्तन का सबसे जाना पहचाना
उदाहरण है: सिंधु> हिन्दू
> इन्दु> इंडिया; या
सिंधु > इंडस। अतः,
सम के आम में बिगड़ने की क्रिया कुछ इस तरह रही होगी: सम >साम> हाम
> आम।
अब
देखें कि अँग्रेज़ी में कॉमन शब्द कहाँ से आया? भाषाविदों के
अनुसार समान या सामान्य के लिए लेटिन शब्द कोम्युनिस है। उसी से फ़्रेंच शब्द
कोम्युन बना। जिससे 1250-1300 ई॰ के आसपास अँग्रेज़ी
शब्द कोमुन बना, जिसे हम आज कॉमन के रूप में जानते है।
लेकिन, क्यों न हम लेटिन शब्द कोम्युनिस और उससे बने अँग्रेजी शब्द कॉमन का उत्स
संस्कृत के शब्दों सम/ समान/ सामान्य में ही खोजें ? संस्कृत
की 'स' ध्वनि यूरोपियाई भाषों में अनेक
बार 'क' में बदल जाती है, जैसे सह > को; समिति > कमेटी। अतः सम से कॉमन की यात्रा कुछ इस रही होगी:
सम > समान > सामान्य > चामान्य
> कामान्य > कामान्ज >कामन्स > कामानीज़ communis (Latin)। फिर लेटिन से अँग्रेजी की यात्रा तो हम देख ही चुके हैं।
आप क्या सोचते हैं?
शायद आप यह लेख पढ़ना चाहेंगे:
How mango might have got its names आम का नामकरण कैसे हुआ होगा
Mango People, AAM AADAMI, and Common Man
Some
days ago, Mrs Sonia Gandhi’s son-in-law Robert Vadra wrote
on his Facebook status: “Mango people in a banana country”. The use of the
expression ‘mango people’ by Vadra caused a huge controversy. Consequently, the
expression 'mango people’ is gaining currency in India. Who knows, 'mango people'
may soon find its place in the Oxford English Dictionary as synonym for the
'common man'!
What is
the origin of the phrase "mango people" and who coined it? There is
no answer to these questions right now and it will require some more will
research. But one thing is certain that the usage of 'mango people’ for common men
is not a product of Robert Vadra’s brain. But yeah, Vadra has some relationship
with the origin of 'mango people'.
For many years, at the time of elections, Robert's mother-in-law Mrs Sonia Gandhi and her Congress party have been using her photo with a slogan: "CONGRESS KA HAATH, AAM AADAMI KE SAATH (hand of congress is with the common man). This slogan does not seem credible to many people in the country. They oppose it in their own way. Nowadays, when Arvind Kejriwal comes out on streets to oppose the congress party, he is seen wearing a cap with the words: "MAIN HOON EK AAM AADAMI”, i.e. I am the common man". And by doing this Kejriwal is obviously ridiculing the AAM ADAMI slogan of Sonia ji. There is no dearth of articles and cartoons ridiculing the AAM ADAMI slogan on the Internet. Some authors and cartoonists call the common man as the ‘mango people’. In fact, for many years now, several people in the cyberspace have been calling themselves as ‘mango man’. When stung by corruption charges against him, Robert Vadra wrote the scornful line on the Facebook, “mango people in banana republic", he was clearly targeting Arvind Kejriwal wearing a AAM ADAMI cap.
The
Hindi/ Urdu word AAM used in AAM ADAMI has two meaning, (1) used in the sense
of common, simple, modest, masses, the word AAM is a borrowing from Arabic. The
word came to India with the invading Arabs and Iranians in medieval times. (2)
the mango fruit is known as AAM in Hindi, Urdu, Bengali, Asamese, Punjabi. The
origin of the word mango and AAM was discussed earlier in another article in
this blog (How mango might have
got its names आम का नामकरण कैसे हुआ होगा). Today we discuss the origin of the word AAM in
the sense of its usage for ‘common’.
In my opinion,
the Sanskrit word 'SAMA' 'सम' (= similar, simple, modest,
common) transformed into the Arabic AAM through degeneration, and returned to
Hindi, Urdu and other Indian languages in its new acquired form. It is well
known that the Sanskrit characters sha श/ Sha ष/ sa स transform into ‘ha ह'
in Persian, Arabic and Turkish. It changes further into a, or i in Greek. The
most familiar example of this transformation is: Sindhu > Hindu> Indu>
India; and Sindhu > Indus. Therefore, the process of evolution of AAM आम from SAMA सम may have been: SAMA>
HAMA > AAMA > AAM.
Let’s
now examine the origin of the word ‘common’. According to linguists, the Latin
word commūnis gave
rise to the English word common: Latin commūnis
common> Old French comun > Anglo-French comun > Middle
English comun> English common ~ 1250-1300;
But
then, what is the origin of the Latin word commūnis?
The DNA of commūnis shows
its strong homology to Sanskrit words for
common SAMA सम and SAMANA समान. The sound of 's' in
Sanskrit words changes to sh /k / ch in many European words, e.g. SAHA सह > co, and SAMITI समिति > committee. Therefore the etymology of common
should be redefined as follows: SAMA (Sanskrit) = common > SAMANA (Sanskrit)
= common > SAMANYA (Sanskrit) = common > CHAMANAYA > KAMANYA > KAMANZ
> KOMONIS> communis Latin > comun (French) > common (English).
What do
you think?
Related article:
How mango might have got its names आम का नामकरण कैसे हुआ होगा
aabhaar sir :) what do we think ? well , in this matter "I"am not thinking - just reading what you are saying sir ..
ReplyDeleteWelcome Shilpa ji!
Delete:)
very true and interesting sir...
ReplyDeleteThanks Vineet.
DeleteAnd what about banana country?
ReplyDeleteA 'banana republic' is country of poor people, ruled by rich exploitative elite and whose economy is dependent on exporting cheap natural resources such as banana and other fruits, and mineral-rich soil etc (http://en.wikipedia.org/wiki/Banana_republic). However, I plan to write on the origin of the word banana.
Deleteintresting like it
ReplyDeleteThank you, Arun
Deleteवनस्पतिशास्त्र के बाद अब भाषा शास्त्र। आपकी रुचि का जवाब नहीं जी! विश्व की सभी भाषाओं की आपस में रिश्तेदारी है ....यह सुस्थापित वैज्ञानिक तथ्य है। शब्दों की डी.एन.ए. फ़िंगर प्रिंटिंग आकर्षित करती है। किंतु मुझे इससे भी अधिक आकर्षक और रहस्यमय लगता है यह सोचना कि कोई भी शब्द सबसे पहले कैसे अस्तित्व में आया होगा। किसी संज्ञा, सर्वनाम या क्रिया आदि के लिये किसी शब्द ने कैसे अपना सर्वाधिकार सुरक्षित किया होगा। शब्द, ध्वनि और उनके अर्थ में रिश्ता तलाशते वक़्त मैं शब्द और ध्वनि को आकार लेते हुये देखता हूँ और एक रहस्यमयी दुनिया में खो जाता हूँ।
ReplyDelete:) :) बहुत धन्यवाद कौशलेन्द्र जी। यह रोमांचक है कि आप सोच में समानुभूति पा रहें हैं!
Delete