लेखक -- राजेन्द्र गुप्ता
आज वसंत
पंचमी पर आप सभी को हार्दिक बधाई। भारत में आज के दिन वाणी और
विद्या की देवी सरस्वती (Sarasvati) की पूजा की
परंपरा है। सरस्वती जी को सदा वीणा बजाते हुए दर्शाया जाता है। अतः उन्हे वीणावादिनी कहा जाता है। निराला जी की प्रसिद्ध सरस्वती वंदना का आरंभ
"वीणावादिनी वर दे" से ही होता है। जापान की बौद्ध
देवी बेंजाइटेन (弁才天 Benzaiten) सरस्वती का ही रूप हैं। देवी बेंजाइटेन
को हाथों में बीवा नामक जापानी वीणा बजाते हुए दिखाया जाता है। वह संगीत और काव्य
की देवी हैं। आइये देखते
हैं कि सरस्वती का वीणावादिनी विशेषण किस तरह बिगड़ कर जापान में बेंजाइटेन और चीन
में बेनटेन हुआ होगा।
वीणावादिनी [संस्कृत] = वीणा वादन करने वाली अर्थात् देवी सरस्वती
> बीनावादिनी
> बीनायादिनी
> बीनाजादिनी
> बीनाजाटिनी
> बेनजाटेन
> बेन्जाइटेन 弁才天 Benzaiten [जापानी]
> बेनयाइटेन
> बेनटेन 辯才天 Benten [चीनी]
बहुत ही तथ्यात्मक और वैज्ञानिक विश्लेषण किया है। सुदर!👍
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