क्या फ़ारसी मूल के ‘सरकार’ का संस्कृत से पुराना नाता है?
नमस्ते मित्रों। पूरे एक वर्ष के बाद ब्लॉग पर
वापस आया हूँ। आशा है कि इस लंबी अनुपस्थिति के लिए आप क्षमा करेंगे। रुकी हुई यात्रा
को आज फिर से शुरू करते हैं। चारों ओर नई सरकार के लिए चुनाव की चर्चा है। अतः आज देखते
हैं कि ‘सरकार’ शब्द कहाँ से आया? शब्दकोशों के अनुसार
‘सरकार’ फ़ारसी मूल का शब्द
है। ऐसा माना जाता है कि मध्यकाल में ईरानियों के आक्रमण के समय ही यह फ़ारसी शब्द भारत
आया। फ़ारसी और हिन्दी में सरकार के प्रचलित अर्थ हैं: 1. राज्य संस्था, शासन-सत्ता (गवर्नमेंट), हुकूमत। 2. प्रशासनिक
इकाई। 3. रियासत। 4. राज दरबार। 5. पालक,
प्रभु। 6. घर का मालिक। हम सभी जानते हैं कि फ़ारसी भाषा भारोपियाई भाषा परिवार की ही
पुत्री है। अतः ‘सरकार’ का उत्स खोजने के
लिए हमें संस्कृत में इसका निकटतम शब्द खोजना होगा। संस्कृत में राजसत्ता और ऐश्वर्य
के लिए एक शब्द ‘श्री’ भी है। लक्ष्मी का
एक नाम श्री है और विष्णु का एक विशेषण श्रीकर: है। क्या सरकार शब्द का नाता भगवान
विष्णु के विशेषण श्रीकर: से है? (श्रीकर: >
शिरकर >
सिरकार >
सरकार)। हम यह भी जानते हैं कि प्राचीन काल से ही राजा को धरती पर भगवान का प्रतिनिधि
माना जाता था। नेपाल के राजा को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता रहा है। भगवान विष्णु
के सातवें अवतार भगवान राम थे। आज भी थाईलैंड के राजा को ‘राम’ कहा जाता है। मध्यकाल
में और अँग्रेज़ों के काल में ‘सरकार’ के लिए ‘सिरकार’ का प्रयोग भी खूब
होता था। किन्तु अब केवल ‘सरकार’ ही चलन में है।
अब सरकार शब्द के एक और संभावित सगे-संबंधी पर
विचार करें। भारत में सरकारी पत्रों के लिहाफ़ों पर O.I.G.S. छपा
रहता है: O.I.G.S.
का पूरा रूप है: ON INDIA
GOVERNMENT SERVICE या ‘भारत सरकार की सेवा
पर’।
ब्रिटिश सरकार के लिफ़ाफ़ों पर छपा होता है: O.H.M.S. या ‘ON HER MAJESTY’S SERVICE’
अर्थात ‘महारानी
की सेवा पर’।
अब अगर ‘श्री’ का अर्थ राजसत्ता
है तो राजसत्ता की सेवा यानी सरकारी काम के लिए संस्कृत शब्द होना चाहिए: ‘श्रीकार्य’ (श्री + कार्य)।
मुझे ‘श्रीकार्य’ शब्द किसी संस्कृत
कोश में नहीं मिला। क्या यह हो सकता है कि ‘श्रीकार्य’ संस्कृत से लुप्त
हो गया किन्तु फ़ारसी में सरकार/ सरकारी के रूप में बना रहा (श्रीकार्य > शिरकारय > सिरकार > सरकार)? आप क्या सोचते है?
चलते-चलते एक सुनी-सुनाई बात (श श s s s s s.. केवल मेरे और आपके
बीच में): मैंने सुना भारत सरकार के धीमे कामकाज से परेशान
कुछ लोग आपस में बातें कर रहे थे: “सरकार को सरकार इसलिए कहते हैं क्योंकि वह सरक-सरक
कर चलती है।”