tag:blogger.com,1999:blog-65766465772318436222024-03-04T23:10:55.217+05:30DNA of Words शब्दों का डीएनएA linguistic fiction: Searching for the mother tongue of our first-ancestors, and trying for a grand-unification of all language-families
भाषा-वैज्ञानिक कल्पना: हम सभी के प्रथम-पुरखों की मातृभाषा की खोज, और सभी भाषा-परिवारों के महा-मिलन का प्रयासराजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.comBlogger86125tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-27099670757179323492024-02-15T08:36:00.007+05:302024-02-16T00:31:33.316+05:30देवी सरस्वती रंग-रूप से सूरजमुखी (albino ऐल्बाइनो) थीं। इसी में उनके नाम का रहस्य छुपा है।Devi Sarasvati was an albino and that is the secret behind her name. लेखक
– राजेन्द्र गुप्ता (ब्लॉगस्पॉट पर “शब्दों का डी.एन.ए. / DNA of Words”)
देवी सरस्वती Devi Sarasvati/ Saraswati भारतीय
सभ्यता और संस्कृति की प्रमुख वैदिक एवं पौराणिक देवियों में से एक हैं। वह विद्या,
वाणी और संगीत की देवी हैं। अगस्त्य मुनि रचित सरस्वती स्तोत्र में देवी को कुन्द (चमेली) के
फूल, चंद्रमा, राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-53025995929505014852024-02-14T06:30:00.138+05:302024-02-14T07:59:34.377+05:30देवी सरस्वती के जापानी नाम बेंजाइटेन और चीनी नाम बेनटेन कहाँ से आए ? लेखक -- राजेन्द्र गुप्ता
आज वसंत
पंचमी पर आप सभी को हार्दिक बधाई। भारत में आज के दिन वाणी और
विद्या की देवी सरस्वती (Sarasvati) की पूजा की
परंपरा है। सरस्वती जी को सदा वीणा बजाते हुए दर्शाया जाता है। अतः उन्हे वीणावादिनी कहा जाता है। निराला जी की प्रसिद्ध सरस्वती वंदना का आरंभ
"वीणावादिनी वर दे" से ही होता है। जापान की बौद्ध
देवी बेंजाइटेन (弁才天 राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-68283003258090070672022-09-15T00:11:00.003+05:302022-09-15T00:33:51.545+05:30पितरों के साथ -- यम कथा – 5 यम कथा – 5
लेखक – राजेन्द्र गुप्ता
“यमपुरी
के लिए निर्धारित स्थान पर यम ने अपना शिविर स्थापित कर लिया है। ब्रह्मपुरी के
मुख्य वास्तुविद और अभियंता विश्वकर्मा निर्माण की बागडोर संभाले हुए हैं। किन्तु यमराज
स्वयं निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे हैं। निर्माण-स्थल पर यम के स्थायी निवास
के साथ ही नरक बनाने के काम ने जोर पकड़ लिया है। यमराज और चित्रगुप्त के लिए अस्थायी
पर्णकुटियाँ बन कर तैयार राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-77654453169890583422022-09-13T06:00:00.007+05:302022-09-13T07:05:53.668+05:30पितरों के साथ -- यम कथा – 4 यम कथा – 4
जब पहली बार मानव को यमपुरी ले जाया गया
लेखक – राजेन्द्र गुप्ता
अभी तक :– देवताओं और दानवों की
पौराणिक कथाओं को मानव सभ्यता के प्रारंभिक चरण की कहानियों के रूप में देखा जा
सकता है। इन कहानियों के पीछे की मूल घटनाओं की खोज में, जीव-वैज्ञानिक आनंद प्राचीन काल की दुनिया में, पुरखों के साथ एक और यात्रा पर निकला। वह मानव सभ्यता की पहली पुरी या
बस्ती ब्रह्मपुरी में जा पहुँचा। वापसराजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-45740543175352716712022-09-12T07:29:00.002+05:302022-09-12T22:15:48.155+05:30पितरों के साथ -- यम कथा – 3 यम कथा – 3
नरक -- विश्व का पहला क्वारंटाइन और शव प्रबंधन केंद्र
लेखक –
राजेन्द्र गुप्ता
अभी तक :– देवताओं
और दानवों की पौराणिक कथाओं को मानव सभ्यता के प्रारंभिक चरण की कहानियों के रूप
में देखा जा सकता है। इन कहानियों के पीछे की मूल घटनाओं की खोज में, जीव-वैज्ञानिक
आनंद प्राचीन काल की दुनिया में, पुरखों के साथ एक और यात्रा पर निकला। वह मानव
सभ्यता की पहली पुरी या बस्ती ब्रह्मपुरी में जा राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-64618167912958869082022-09-11T08:40:00.000+05:302022-09-11T08:40:09.242+05:30पितरों के साथ -- यम कथा-2यम कथा-2लेखक -- राजेन्द्र गुप्ता अभी तक
–
देवताओं
और दानवों की पौराणिक कथाओं को मानव सभ्यता के प्रारंभिक चरण की कहानियों के रूप
में देखा जा सकता है। इन कहानियों के पीछे की मूल घटनाओं की खोज में, जीव-वैज्ञानिक आनंद प्राचीन काल की दुनिया में, पुरखों
के साथ एक और यात्रा पर निकला। उसने देखा कि मानवों ने वनवासी जीवन छोड़ कर कृषि को
अपनाया है और मानव सभ्यता की पहली पुरी या बस्ती बसायी है।
पहले
राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-31985471985682782912022-09-10T09:59:00.000+05:302022-09-10T09:59:26.743+05:30पितरों के साथ --- यम कथा -1 यम कथा-1लेखक -- राजेन्द्र गुप्ता
देवताओं और दानवों की पौराणिक कथाओं
को मानव सभ्यता के प्रारंभिक चरण की कहानियों के रूप में
देखा जा सकता है। सभ्यता के आरंभ से लेकर आज तक, हमारे पूर्वजों की सैकड़ों पीढ़ियों ने मुँह-बोले
शब्दों के माध्यम से ही अपने बच्चों को इन घटनाओं के विषय में बार-बार बताया
होगा। किन्तु इस बीच उच्चारण में&राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-47891715135377503352020-07-27T18:52:00.002+05:302020-07-27T20:01:59.670+05:30क्या आप भी 'श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन' गलत गा रहे हैं?धार्मिक ग्रंथों के पन्ने अनेक बार बिखर कर गलत क्रम में आगे पीछे हो गए - 2. श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन लेखक - राजेन्द्र गुप्ता प्राचीन काल में धार्मिक ग्रंथ वृक्षों की छाल और पत्तों से बने पृष्ठों पर लिखे जाते थे। बाद में कागज पर लिखे जाने लगे। इन पृष्ठों आज की पुस्तक की तरह जिल्द में नहीं बांधा जाता था। इन्हें क्रम में लगाकर डोरी से बांधकर कपड़े में लपेट कर रखा जाता था। किन्तु ऐसा राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com9tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-81872740125108520902020-05-28T12:10:00.006+05:302022-09-23T02:30:22.073+05:30क्या आप भी हनुमान चालीसा गाने में एक बड़ी गलती कर रहे हैं?धार्मिक ग्रंथों के पन्ने अनेक बार बिखर कर गलत क्रम में आगे पीछे हो गए - 1 हनुमान चालीसा लेखक -- राजेन्द्र गुप्ता मेरे ब्लॉग 'शब्दों का डीएनए' 'DNA OF WORDS' की मुख्य विषय वस्तु शब्दों में परिवर्तन है। इस ब्लॉग में शब्दों में वर्णों का क्रम बदल जाने से नए शब्द बनने के अनेक उदाहरण हैं। इसमें शब्दों में परिवर्तन के कारण कुछ धार्मिक कथाओं में अर्थ का अनर्थ होने के उदाहरण भी हैं। आज की पोस्ट शब्दों राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-45150729579232545592020-04-16T22:32:00.003+05:302020-04-16T22:40:53.867+05:30सूतक शब्द कहाँ से आया?
कोरोना वायरस महामारी के समय में सूतक शब्द की चर्चा है। ऐसा लगता है कि पूरी दुनिया को सूतक लगा है। सूतक संस्कृत का शब्द है। इसका मूल अर्थ है -- अपवित्रता / अशुद्धता /
अशौच। इस शब्द का प्रयोग विशेष स्थितियों में परिवार वालों को होने वाली अशुद्धता
के लिए होता है; जैसे 1. जननाशौच-- बच्चे के जन्म के समय
या स्त्री के गर्भपात के कारण; 2. गाय के बच्चा देने पर;
3. मरणाशौच -- राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com1Delhi, India28.7040592 77.10249019999999128.2581432 76.457043199999987 29.1499752 77.7479372tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-62331865379815740062020-03-07T16:15:00.001+05:302020-05-15T18:50:16.641+05:30बाज और घोड़ा के लिए एक जैसे शब्द -- श्येन, बाज, बाजि, वाजिन, वेगिन
लेखक -- राजेन्द्र गुप्ता
पिछली पोस्ट से
जारी...
पिछली पोस्ट में
आपने पढ़ा कि संस्कृत में विजेता के लिए जयेन शब्द भी है। उसी से श्येन शब्द निकला
जिसका प्रयोग बाज पक्षी के लिए हुआ। संस्कृत में एक विशेष प्रकार के घोड़े को भी
श्येन कहते हैं। किन्तु घोड़े और बाज के लिए एक ही शब्द का प्रयोग यही
नहीं रुकता। संस्कृत में बाजि शब्द का प्रयोग घोड़े के लिए भी होता है। शायद बाजि शब्द का उत्स राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com0New Delhi, Delhi, India28.6139391 77.209021228.3907261 76.8862977 28.8371521 77.53174469999999tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-65905814288400728442020-03-04T19:47:00.003+05:302020-05-15T18:51:15.166+05:30शाहीन बाग़ का शाहीन शब्द कहाँ से आया?
लेखक -- राजेन्द्र गुप्ताभारत में राजधानी दिल्ली की शाहीन बाग
कॉलोनी में लंबे समय से सरकार विरोधी धरना-प्रदर्शन चल रहा है। इस कारण, आजकल
शाहीन शब्द सबके मुँह पर है। शाहीन फ़ारसी भाषा का शब्द है। इसका अर्थ है बाज
पक्षी। एक समाचार के अनुसार कॉलोनी बनाने वाले ने इसका नाम अल्लामा इकबाल की प्रसिद्ध
नज़्म ‘सितारों से आगे जहाँ और भी हैं’ की एक पंक्ति से लिया था–
“तू शाहीन है, परवाज़ है काम तेरा, तेरेराजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com0New Delhi, Delhi, India28.6139391 77.209021228.3907261 76.8862977 28.8371521 77.53174469999999tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-67494142051995395322019-04-07T00:31:00.000+05:302019-04-07T00:31:54.924+05:30ब्रह्मपुत्र नहीं, ब्रह्मपुत्री बोलो – पूर्वी भारत की सरस्वती
भारतीय संस्कृति में नदियों को देवी के समान माना गया है। लगभग सभी
नदियों के नाम स्त्रीलिंग-वाचक हैं। केवल कुछ अपवाद हैं, जैसे ब्रह्मपुत्र,
सिन्धु, दामोदर और सोनभद्र। इन्हें नदी नहीं
नद माना गया है। नदी स्त्रीलिंग है। नद पुल्लिंग है। नद अर्थात बहुत बड़ी नदी। नद
का मूल अर्थ है -- नाद करने वाला, शोर करने वाला। स्वाभाविक
है कि यह प्रश्न उठेगा कि हजारों नदियों में से कुल तीन–राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com5Washington, DC, USA38.9071923 -77.03687070000000938.7094553 -77.3595942 39.104929299999995 -76.714147200000014tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-74923447456145673222018-12-26T17:42:00.001+05:302018-12-29T11:47:15.525+05:30प्रयाग का अर्थ नदियों का बड़ा संगम
उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना के संगम क्षेत्र
और उसके किनारे बसे नगर को प्रयागराज कहते हैं. प्रयागराज हिन्दुओं का बड़ा तीर्थ स्थान
है. इसे बहुत पवित्र माना गया है. यहाँ कुम्भ मेला भी लगता है. ऐसा माना जाता है
कि यह स्थान प्राचीन काल से यज्ञभूमि था. यज्ञ से सम्बंधित होने से यह स्थान याज्ञ
कहलाया. याज्ञ शब्द बिगड़ कर याग बना और फिर उससे प्रयाग. मैं प्रयाग शब्द की इस व्युत्पत्ति
से सहमत नहीं हूँ. राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com1New Delhi, Delhi, India28.6139391 77.20902120000005228.3907261 76.886297700000057 28.8371521 77.531744700000047tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-505493114004711052017-11-01T17:58:00.005+05:302017-11-01T18:09:42.205+05:30Madagascar मडगास्कर
Mid-ocean country Madagascar's name is a corrupted Sanskrit word that means Mid-ocean!
महासागर के बीच में मडगास्कर द्वीप का नाम संस्कृत के शब्द मध्यसागर का बिगड़ा हुआ रूप है!
मध्यसागर madhyasAgar [Sanskrit] = mid seaमध्जसाकर madhjasAkarमदगसाकर madgasAkarमडगास्कर maDgAskar / Madagascar
राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com3New Delhi, Delhi, India28.6139391 77.20902120000005228.3907261 76.886297700000057 28.8371521 77.531744700000047tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-69796472087476209112017-10-30T14:43:00.000+05:302017-10-30T18:14:13.437+05:30Niagara Falls नियागरा झरना
निर्झर nirjhara [Sanskrit]
= waterfall >
नियझर niyajhara >
नियगर niyagara >
नियागरा NIAGARA
राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com0Delhi, India28.7040592 77.1024901999999228.2581432 76.457043199999916 29.1499752 77.747937199999924tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-12213760623000893272017-09-25T17:00:00.000+05:302017-09-25T17:00:15.154+05:30Arrogant is a corrupted form of garvAndha from Sanskrit गर्वान्ध का अपभ्रंश एरोगैन्टराजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com0New Delhi, Delhi, India28.6139391 77.20902120000005228.3895196 76.884924700000056 28.8383586 77.533117700000048tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-72081529276729026352017-07-22T02:17:00.001+05:302017-07-22T11:26:23.337+05:30हनुमान-1. बाल हनुमान ने उगते सूरज को खाया. -- एक अविश्वसनीय गाथा के बनने की कथा
Hanuman-1. Child Hanuman eats the rising Sun -- Making of an incredible legend
भारतीय संस्कृति में हनुमान जी जैसा कोई दूसरा देवता नहीं हैं. हनुमान जी में अतुलित बल है. उनसे बड़ा गुणी कोई और नहीं है. वह ज्ञानियों में सबसे पहले ज्ञानी हैं. गोस्वामी तुलसी दास जी ने हनुमान जी की स्तुति में 'हनुमान चालीसा' लिखा था. इसमें एक दोहा और चालीस चौपाईयां हैं. प्रतिदिन करोड़ों हिन्दू 'राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com12tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-59958058657202705812017-07-13T18:01:00.000+05:302017-07-13T22:01:39.356+05:30कज़िन (cousin) की घर वापसी – संस्कृत से अँग्रेज़ी में और वापस संस्कृत की बेटियों की गोद में
कुछ दशक पहले ही, हम भारतीयों ने चाचा, ताऊ, फूफा, मामा और मौसा के
लिए अँग्रेज़ी के शब्द ‘अंकल’ (uncle) को, और चाची, ताई, बुआ, मामी, और मौसी के लिए
अँग्रेज़ी शब्द ‘आंटी’ (aunt/ auntie) को अपनाया था. इसी तरह अब हम चचेरा, फुफेरा,
ममेरा, मौसेरा भाई या बहन के लिए अँग्रेज़ी के ‘कज़िन’ (cousin) शब्द को अपना चुके हैं.
अँग्रेज़ लोग इस शब्द का उपयोग दूर के रिश्तेदार के रूप में भी करते रहे हैं. हम भी
वैसा ही करराजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com6Delhi, India28.7040592 77.1024901999999228.2581432 76.457043199999916 29.1499752 77.747937199999924tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-27821581072419887032017-07-13T18:00:00.000+05:302017-07-13T18:00:08.398+05:30Homecoming of ‘cousin’ - from Sanskrit to English and back in the laps of Sanskrit’s daughters
A few decades ago, we in India adopted the English words
'aunt' and ‘uncle’ in our languages. Now we have adopted another relationship word
'cousin'. The English have also used this word in the sense of a distant
relative. We are doing the same and why not? Cousin can be spoken easily and just one word can replace several
specific words for sons and daughters of maternal and paternal uncles andराजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com0Delhi, India28.7040592 77.1024901999999228.2581432 76.457043199999916 29.1499752 77.747937199999924tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-8077846625100291672017-07-11T21:48:00.000+05:302017-07-19T14:26:14.439+05:30Friend (फ्रेंड) का संस्कृत डी.एन.ए.
•प्रियजन [संस्कृत
शब्द, अर्थ ‘प्यारा व्यक्ति’]
•फ्रियजन (प > फ)
•फ्रियदन (ज > द; जैसे ज्योति >
द्युति; विज्योत > विद्युत्)
•फ्रियनद (ज और न की अदला-बदली)
•फ्रिजनद (य > ज)
•फ्रिजोंद Frijond [गोथिक]
•फ्रिजोजनन Frijojanan [प्रोटो जर्मैनिक Proto-Germanic] (द > ज)
•फ्रिउंत Friunt [मध्य
उच्च जर्मन Middle High German] (ज > य)
राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com0Delhi, India28.7040592 77.1024901999999228.2581432 76.457043199999916 29.1499752 77.747937199999924tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-925176883104835652017-07-11T21:42:00.000+05:302017-07-11T21:42:04.796+05:30The Sanskrit DNA of 'Friend'
•Priyajana प्रियजन
[Sanskrit, = dear person]
•Friyajana (p प > ph फ
>
f फ़)
•Frijajana (y य > j
ज)
•Frijadana (j ज > d द
as in
Sanskrit words Jyoti ज्योति to Dyuti द्युति; vijyoti विज्योती to vidyut विद्युत् )
•Frijanada (interchange of sequence of letters d
& n)
•Frijond [Gothic]
•Frijojanan [Proto-Germanic]
•Friunt [Middle High&राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com0New Delhi, Delhi, India28.6139391 77.20902120000005228.3907261 76.886297700000057 28.8371521 77.531744700000047tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-5984371330225661142017-03-28T16:05:00.001+05:302022-10-04T22:30:54.413+05:30नवरात्रि या नव-ज्योतिर ?
नौ दिन तक दिन में पूजा का नाम नवरात्रि क्यों ? नवदिन क्यों नहीं ?
सभी पाठकों को नवरात्रि और नववर्ष पर शुभकामनाएँ.
लगभग 19 महिनों तक, मैं ब्लॉग से अनुपस्थित रहा. आपमें से अनेक मित्रों ने बार-बार चिंता जताई, उत्साहित किया, और गतिशीलाता बनाये रखने की अपेक्षा भी की. किन्तु न ही मैं आपकी अपेक्षाएँ पूरी सका, न ही अपनी. खैर, जो बीत गई वो बात गई. फिर से नया आरंभ करने का&राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com7New Delhi, Delhi, India28.6139391 77.20902120000005228.3907261 76.886297700000057 28.8371521 77.531744700000047tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-69259819832923368072015-08-30T18:20:00.000+05:302015-08-30T19:50:21.994+05:30शत्रुघन सिन्हा -- हर प्रदेश में बदला नाम - शतुरगंज से शतुरमुर्ग तक
English version at the end of Hindi text-- Know the names by which Shatrughan Sinha is recognised in different States
शत्रुघन सिन्हा जी को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता और एक लोकप्रिय राजनेता होने के साथ वह दो बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं; और अब दूसरी बार लोकसभा के सदस्य हैं। सिन्हा भारत सरकार में केन्द्रीय मंत्री (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, राजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com8tag:blogger.com,1999:blog-6576646577231843622.post-27197978469379149732015-08-23T21:50:00.001+05:302015-08-23T21:50:53.027+05:30माउंट एवरेस्ट, सगरमाथा और गौरीशंकर
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Mount Everest, Sagarmatha and Gaurishankar
आइये, पुरखों के साथ एक और यात्रा को निकलते हैं; उन संस्कृत-भाषी
पुरखों के साथ जिन्होंने माउंट
एवरेस्ट और अन्य हिमालय शिखरों की खोज की थी। जी हाँ, यह बात पक्की है कि माउंट एवरेस्ट की खोज
ब्रिटिश लोगों ने नहीं की थी। उनके आने से पहले, एवरेस्ट
कोई अनाम शिखर भी नहीं था। अंगेज़ों के आने से एवरेस्ट कोराजेंद्र गुप्ता Rajendra Guptahttp://www.blogger.com/profile/01811091966460872948noreply@blogger.com7New Delhi, Delhi, India28.6139391 77.20902120000005228.1680166 76.563574200000048 29.059861599999998 77.854468200000056