Tuesday, September 30, 2014

चक्रीय से बना स्क्रू Screw is a variation of the Sanskrit word chakriya, i.e. circular


स्क्रू (screw) या पेच यानी ऐसी कील जिसमें चूड़िया बनी हुई हों। वा. शि. आप्टे के अनुसार संस्कृत में स्क्रू को कर्ष्णी (खींचने वाली) और व्यावर्तन कीलः (घूमने वाली कील) कहते हैं। लगता है कि ये दोनों संस्कृत शब्द रेल के लिए मोनियर-विलियम द्वारा बनाए शब्द 'लोहमार्गः गामिनी' जैसे कृत्रिम शब्द हैं। वास्तव में अंग्रेज़ी शब्द screw स्क्रू का डीएनए तो संस्कृत शब्द 'चक्रीय' से बहुत मिलता है। स्कू पर चक्रीय चूड़ियाँ बनी होती हैं। स्क्रू के अर्थ में चक्रीय संस्कृत में लुप्त हो चुका है। किन्तु इस शब्द को एक यरोपियन भाषा ने स्क्रू के रूप में बड़े सहेज कर रखा है।  

Screw is a fastening nail with helical threading. According to VS Apte, the Sanskrit words for screw are KARSHNI (pulling) and VYVARTANKEEL (rotating nail). Both words appear to be as artificial coinage as the word 'lohmarg gamini' for the railway by Monier-Williams. The word screw shares its DNA with the Sanskrit word 'chakriya' (chakriya > chakruya > sakruya > sakruwa > screw. The word chakriya for screw is now extinct in Sanskrit. However, Sanskrit’s European daughters have preserved it with love. 

The etymologists have this to say. According to dictionary.com:   
"Screw. 1375-1425; late Middle English scrwe, screw (e) (noun); compare MiddleFrench escro (ue) nut, Middle Dutch schrûve, Middle High German schrûbescrew"

Monday, September 29, 2014

कॉकपिट है पत्-कक्ष यानी उड़न-केबिन Cockpit comes from Sanskrit 'pat' + 'kaksh' or flying cabin

Please see the English version at the end of the Hindi text 

कॉकपिट cockpit अँग्रेजी शब्द है; अर्थ है -- विमान में पायलट pilot के बैठने का कक्ष / केबिन। अंग्रेज़ी के कोशकारों और व्युत्पत्तिविदों का कहना है कि कॉकपिट कॉक और पिट को जोड़ कर बना है। कॉक है मुर्गा, और पिट है गड्डा। कॉकपिट शब्द का मूल अर्थ है मुर्गों की लड़ाई के बनाया गया गड्डा। मुझे समझ नहीं आता कि इस व्युत्पत्ति का विमान में पायलट के बैठने के कक्ष से क्या सम्बंध है? हम सब पतंग और पतंगा शब्दों का प्रयोग करते ही हैं। ये दोनों शब्द संस्कृत शब्द पत् से बने हैं। पत् का अर्थ है उड़ना। इस तरह पतंग और पतंगा हुए उड़ने वाले। संस्कृत में पतंग के और भी अर्थ हैं, जैसे सूर्य, पक्षी, टिड्डी, मधुमक्खी। पतंगिका शब्द का अर्थ है छोटी चिड़िया। पत् से निकले सभी शब्दों में उड़ान का भाव है। कक्ष का अर्थ है कमरा, केबिन, चैंबर। तो 'उड़ान कक्ष' हुआ पत्कक्ष या अगर उसे उलट दें तो कक्षपत्। कौन जाने कि क्या यह कक्षपत् ही बिगड़ कर कॉकपिट बन गया हो (कक्षपत् > ककपट > कॉकपिट)! पंडित सुब्बारैया शास्त्री ने 1918 से 1923 के बीच महर्षि भारद्वाज की प्राचीन पुस्तक 'वैमानिक शास्त्र' को लिपिबद्ध किया था। मैं नहीं जानता कि कॉकपिट के लिए वैमानिक शास्त्र में पत्कक्ष या कक्षपत् का प्रयोग है या नहीं?

According to the etymologists, the word cockpit means "a pit for fighting cocks" from cock (n.) + pit ! and that "it was used in nautical sense (1706) for midshipmen's compartment below decks; transferred to airplanes (1914) and to cars (1930s)" [dictionary.com]. Sorry etymologist. I don't understand the relationship between a pit for fighting cocks and a cabin for pilot in a ship or plane? However, the Sanskrit word kaksh.pat (= flying cabin) seems to foot the bill as a precursor to cockpit. The Sanskrit word 'pat' पत् means fly. It is used in the construction of word PATANG पतंग (= kite, sun, bird, bee, moth, and grasshopper). In Hindi  PATANG पतंग is used for kite and PATANGA पतंगा for moth). The Sanskrit word KAKSH means a cabin, room or chamber. Thus KAKSHAPAT would mean a 'flight cabin'. Who knows whether the Sanskrit kakshpat / patkaksh has changed into cockpit. I also have no idea whether this word has been used for flight cabin in the ancient Indian text 'Vaimaki Shashtra' (Aeronautical Science ) by the sage Bharadwaja. The book was available in the in oral tradition but it put into written version during 1918-1923 by Pandit Shastri Subbarayya.   

Saturday, September 27, 2014

एक था राजा जिसको सब रावण कहते थे The raja who was known as Ravana

रावण का अर्थ है राजन, न कि रोने-चीखने वाला 

Ravan means 'raja'; not 'crying' nor 'screaming' 

Please see the English version at the end of the Hindi text 


इतिहास हमेशा विजेताओं द्वारा लिखवाया गया। अतः इतिहास हमेशा एकतरफा लिखा गया। विजेता का गुणगान और पराजित की बुराइयाँ। और तो और, भारत में इतिहास को साहित्य की शैली में लिखने की लंबी परंपरा रही है। लगभग हर कथा में पराजित राजा का नाम तक बिगाड़ दिया गया। जरा सोचिए की क्या  किसी राजा ने अपने बच्चों का नाम दुर्योधन या दुशासन रखा होगा? इतिहासकार ने खलनायकों को बुरे नाम देने के लिए सुयोधन के लिए दुर्योधन ओर सुशासन के लिए दुशासन लिख दिया। अब रावण की बात लें।  विद्वानों का कहना है कि संस्कृत के 'रव' शब्द से रावण बना है। रावण का शाब्दिक अर्थ है -- चीखने वाला, रोने धोने वाला। रावण, अपने समय में, संसार के सबसे वैभवशाली देश का राजा था। जी हाँ, तकनीकी और वैभव में लंका का स्थान अयोध्या से ऊपर था। तो क्या किसी परम प्रतापी राजा का नाम  'रोने वाला' हो सकता है? कुछ शब्द-विद कहते हैं की रावण का अर्थ 'रुलाने वाला' भी हो सकता है; अत्याचारी, अतः रुलाने वाला। लेकिन यह भी हास्यास्पद बात है। कोई राजा कितना भी अत्याचारी हो, उसका अधिकारिक नाम या विशेषण 'रोने वाला' या 'रुलाने वाला' नहीं हो सकता। ध्यान देने की बात है कि प्राचीन साहित्य और इतिहास में, राजाओं के नाम नहीं अपितु गुणसूचक उपाधियों का प्रयोग किया गया है। इसी मान्यता के साथ आज 'रावण' शब्द के 'डी एन ए' की जाँच करते हैं।        

जो राज करे वह राजा। राज शब्द का मूल अर्थ है चमकना। मेरी समझ में राज शब्द आया ज्वल यानी आग से, आग की चमक से (ज्वल > ज्यर > ज़ार zar > राजा)। जब हमारे पुरखों ने आग जलाने की तकनीक सीखी, तब जो आग जला सकता था, जिसके पास 24 घंटे आग थी, जो पका कर खा सकता था, पका हुआ खिला सकता था, आग से हिंस्र पशुओं को डरा सकता था; वही राजा बना होगा। अतः 'राजा' शब्द शायद हमारे पाषाण-कालीन आदिम पुरखों के समय का शब्द  है। संसार की सबसे प्राचीन  पुस्तक ऋग्वेद में राजा शब्द राजा के अर्थ में ही मिलता है।  

राजा शब्द में परिवर्तन होते गए 
  • राजा > राया > राय > राई > राउ >  राऊत 
  • राजा > राय > राव > रावत > 
  • राजा > राजा + ईश = राजेश 
  • राजा > राजा + इन्द्र = राजेंद्र
  • राजा > राजन > रायन > रायल > रॉयल royal > रावल 
  • राजन > रायन > रायण > राणा
  • राजन > रायन > रायना > रैना 
  • राजन > रायन > रावन > रावण
  • राजा > राय > राव > रावन > रावण 
अब आप ही बतायेँ, संस्कृत के विद्वानों द्वारा की गयी 'रोने वाला' या रुलाने वाला जैसी व्याख्याएं  कहाँ से आयीं ? शायद, विजेता के द्वारा कराये गए इतिहास लेखन से ! अगर रावण हमारे देश का सबसे बड़ा खलनायक न बना होता तो आज रावण शब्द राजा /राजन का पर्यायवाची शब्द होता।   

नोट: वाल्मीकी रामायण (3/33/1) में 'रावणम लोकरावणम' पद का प्रयोग है, जिसका अर्थ है -- लोकों को रुलाने वाला रावण। प्रसंग -- रावण की बहन शूर्पनखा रो रो कर रावण को ताने दे रही है। भाव है कि आज लोगों को रुलाने वाले की बहन को किसी ने रुला दिया है। किन्तु इससे यह सिद्ध नहीं होता कि रावण का अर्थ रुलाने वाला है।         

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History was always written by the winners. Therefore, the historical accounts have always been one-sided. History celebrates the winners and depicts the losers as evil forces. Moreover, we in India, have had a very long tradition of writing history in the style of fiction. We find that, almost every ancient story has distorted the name of the defeated king. Just think of it, would any king name his sons as Duryodhana, i.e. evil invincible, or as Dushasan, i.e. evil ruler ? Ancient historians distorted Suyodhan to Duryodhana, i.e. the great invincible to evil invincible; and Sushasan to Dushasan, i.e. good ruler to evil ruler. Take the case of Ravana. According to the Sanskrit etymologists, the word Ravan is derivation of Sanskrit word 'rav' रव' which means 'noise'. The literal meaning of Ravana is 'the crying' or 'the screaming'.  Consider that Ravana,  was the king of the world's most prosperous country of his times. Yes, the technology and splendor of Lanka was superior to that of Ayodhya. So how can the ultimate majestic king be called 'crying' or 'screaming'? Some scholars believe that Ravana may mean 'causing to cry'; he was a tyrant and hence a cause of making people to cry. But this suggestion is ridiculous. No matter how tyrannical a king, he cannot be officially called by adjectives that mean 'crying' or 'causing to cry'. It is to be noted that the authors of the ancient literature and history have almost always used adjective titles rather the proper nouns for names of kings. With this background let us anlyse the DNA of the the word Ravana. I feel that the word raja is the root of ravana.  

The word Sanskrit word 'raja' means the ruler. And it comes from 'raj' i.e. brightness. I believe that the word,
'raj', in turn, comes from 'jwal' i.e. fire/ burning:  jwal ज्वल > jyar ज्यर > zar ज़ार  > raja राजा or inverse of zar. Thus 'raj' signified the brightness of fire. When our ancestors learned the techniques of igniting fire, someone who was proficient in doing it would have been able to possess fire 24x7, able to cook food and eat it too and also offer cooked food to others in the tribe. He would also be able to scare he predatory animals by his fire power.  Naturally, someone with fire in a fire-less society would be the king. Therefore, raja seem to be a very ancient word of the time of our  stone-age ancestors. The word raja is documented in the Rigveda, the most ancient text of the word. 

Raja mutated to several synonyms--   

raja > raya > ray > rai > rau > raut 
raja > ray > rav > rao > rawat 
raja > raja + ish (god) = rajesh (emperor)
raja > raja + indra (chief god) = rajendra (emperor)
raja> rajan > rayan > rayal > royal > rawal 
rajan > rayan > rayaN रायण > raNa राणा 
rajan > rayan > rayana > raina रैना 
rajan > rayan > ravan > ravaN रावण 
raja > ray > rav /rao > ravan > ravaN रावण 

Now you know what was the origin of 'ravan means crying' etymology. probably, the misinterpretation was the result of ancient history writers commissioned by the winner's side. Had Ravan not been the biggest villain of Indian culture, the word Ravan would have continued to be one of the synonyms of 'raja'.