Friday, May 09, 2014

दामाद श्री, जमाई जी

समधी और दामाद शब्दों में भी पिता-पुत्र का रिश्ता !

आजकल दामाद श्री की चर्चा है। दामाद पुत्री के पति को कहते हैं। यहाँ दामाद के साथ श्री आदरसूचक न हो कर व्यंग का पुट लिए है। कैसी सांस्कृतिक विडम्बना है कि कई बार मधुर संबंधो को बताने वाले शब्द भी व्यंग या गाली का रूप ले लेते हैं! इस तरह के शब्दों में दामाद ही नहीं, विवाह के कारण बनने वाले अन्य रिश्ता-सूचक शब्द भी हैं, जैसे सास, ससुर, और साला। साला तो गाली के रूप में प्रचलित है ही। माना जाता है कि दामाद शब्द फारसी से हिन्दी में आया। विद्वानों के अनुसार संस्कृत में दामाद के लिए जामातृ शब्द है जो बिगड़ कर हिन्दी में यामाता / जामाता, जमाई, जवाईं, ज्वाईं हो गया। जावई (मराठी) और जवें (गढ़वाली) भी इसी क्रम में आते हैं। जामातृ से ही फारसी का दामाद बना:- जामातृ > जामातर (अवेस्ता) > जामात > दामात > दामाद (फारसी) जो ईरान से लौट कर फिर भारतीय भाषाओं में उसी अर्थ में लौट आया। जामातृ से ही तुर्की में दामादर बना (जामातृ > दामातृ > दामातर > दामादर) और ग्रीक में जमितर (जामातृ > जामातिर > जमितर)। लेकिन प्रश्न है कि संस्कृत का जामातृ कहाँ से आया? श्री अजित वडनेकर के अनुसार एक मत यह भी है कि संस्कृत शब्द जामा (पुत्री) से ही जामाता / जामातृ बना। उनका कहना है कि जामा शब्द संस्कृत के जा = संतान और मा = निर्माण से मिल कर बना। अतः  जामा = सन्तान बनाने वाली; और जामा से जामाता। उनका अनुमान यह भी है कि संस्कृत शब्द जामा का तात्पर्य भोजन बनाने वाली यानी पत्नी से है क्योंकि जम् धातु का अर्थ भोजन है। 

हमने पहले चर्चा की है कि वैवाहिक बंधन से जुड़े अनेक शब्द बंध शब्द पर आधारित हैं (वेलेंटाइन, वेड्डिंग, वेलेंसी, बॉण्ड, हस्बेंड, पति, पत्नी, बींध और बींधनी)क्या दामाद और समधी शब्दों का इस नाता बंध शब्द से है? वास्तव में, समधी यानी दामाद का पिता, संस्कृत के सम्बन्धिन / सम्बन्धी का ही सरल रूप है। सम और बंधिन को मिला कर बने शब्द  सम्बन्धिन का अर्थ है आपस में बंधे हुए। कभी सम्बन्धिन शब्द विवाह से बने सभी रिश्तों के लिए था किन्तु अब इसके प्रचलित रूप समधी और समधिन क्रमशः पुत्री के ससुर और सास के लिए ही प्रयोग होते हैं। मालवा में दामाद के परिवार के प्रत्येक पुरुष को ब्याई और प्रत्येक स्त्री को ब्याण कहते हैं। समधी और दामाद में पिता पुत्र का नाता है परंतु भाषाविदों का कहना है समधी और दामाद शब्दों का आपस में कोई नाता नहीं है! भाषाविद् जामातृ और सम्बन्धिन शब्दों में भी कोई आपसी रिश्तेदारी नहीं मानते। लेकिन अगर हम संबन्धित शब्दों को जैविक डी.एन.ए. की तरह की परखेँ तो समधी और दामाद शब्द में भी पिता-पुत्र का संबंध उजागर होता है।  
सम्बन्धी > समधी > जमधी > जमती > जमता > जामाता > जामातृ
संयुक्त रूप में पति और पत्नी के लिए संस्कृत शब्द दम्पति भी सम्बन्धी का ही बिगड़ा रूप है:  
सम्बन्धी > जम्बन्धी > जम्बधी > जम्पति > दम्पति

आपको याद होगा कि हमने चर्चा की थी कि अङ्ग्रेज़ी का शब्द हस्बन्ड (husband) भी संस्कृत के सहबंध का ही सरल रूप है। शायद आज आप उस चर्चा को दोबारा पढ़ना चाहेंगे।  
Valentine, wedding, valency, bond, husband, PATI, PATNI, BEENDHand BEENDHANI वेलेंटाइन, वेड्डिंग, वेलेंसी, बॉण्ड, हस्बेंड, पति, पत्नी, बींध और बींधनी

चलते-चलते कुछ पाजी व्युत्पत्तियाँ 

  • "ससुराल में बैठकर जीमने वाला जीमता या जामाता ही कहलाएगा"। (सलिल वर्मा जी से साभार)
  • ससुराल प्रवास के दौरान अधिक खा कर सारा दिन जम्हाई लेने वाले को जमाई कहते हैं! 
  • ससुराल प्रवास में पत्नी बार-बार अङ्ग्रेज़ी में कहती है : "डैम'एड, बिहेव योरसेल्फ" (गंदे आदमी अपना व्यवहार ठीक रखो)। दामाद शब्द  पत्नी द्वारा बार-बार कहे गए डैम'एड का ही रूप है!   
  • ससुराल प्रवास में अगर ठीक खातिर न हो, तब गुस्से से फूँ-फाँ करने वाले को साले के बच्चे 'फूफा' कहते हैं!  

7 comments:

  1. शब्दों की इन नई व्याख्याओं में काफ़ी दम है - चल पड़ेंगी .अच्छा हो इनका एक संग्रह तैयार हो जाय !

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    1. बहुत धन्यवाद। आपके सुझाव पर निश्चय ही काम करूँगा।

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  2. हमारे गुरुदेव स्वर्गीय के. पी. सक्सेना साहब के अनुसार दुल्हा का अर्थ दुह ला और दुल्हिन का अर्थ दुह लिहिन होता है. वैसे ही बिहार में दामाद की व्युत्पत्ति उसके माँगने की आदत के कारण से हुई है - दामाद अर्थात द माँ द (दो माँ दो)!! बहुत ही साइंटिफ़िक है यह व्याख्या!!
    वैसे ससुराल में बैठकर जीमने वाला जीमता या जमाता ही कहलाएगा और उसके कारण बाकी के शरीफ भी उसी श्रेणी में आ गये!!
    बहुत मज़ेदार!!

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    1. "वैसे ससुराल में बैठकर जीमने वाला जीमता या जमाता ही कहलाएगा" वाह वाह ! मजा आ गया। आपकी अनुमति से, मैं इस पंक्ति को ब्लॉग में लिखना चाहूँगा।

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  3. सरल रूप में और प्रभावी व्याख्या!

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